नरेंद्र सिंह ( वीर सूर्या टाइम्स )
नई दिल्ली, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में यमुना की सफाई के नाम पर 5500 करोड़ रुपये खर्च करके प्रदूषण मुक्त और साफ यमुना बनाने का ढ़िढ़ोरा पीटने वाले अरविन्द केजरीवाल पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यमुना में गंदगी और जल प्रदूषण के लिए 6100 करोड़ का जुर्माना लगाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में यमुना का पानी जहरीला हो गया है, केजरीवाल विज्ञापनों के द्वारा यमुना सफाई करने का दावा करके अपनी सरकार की वाहवाही पिछले 8 वर्षों से लूट रहे हैं।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार पर एनजीटी द्वारा लगाए गए 6100 करोड़ जुर्माने की राशि की वसूली आम आदमी पार्टी के खाते से की जाऐ। केजरीवाल सरकार के निष्क्रियता और विफलताओं के कारण प्रदूषित हुई यमुना के जुर्माने का भुगतान जनता के खून-पसीने की कमाई से वसूले गए टैक्स से क्यों किया जाए? उन्होंने कहा कि यमुना इतनी प्रदूषित और गंदगी के कारण मैली हो चुकी है कि एनजीटी को यमुना सफाई में सरकार की निष्क्रियता के कारण 6100 करोड़ का जुर्माना लगाना पड़ा।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यह पहला मौका नही जब दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार पर शहर की देखरेख व अन्य व्यवस्थाओं की रख-रखाव में कमियों के चलते जुर्माना लगाया हो। अक्टूबर 2022 में कूड़ा प्रबंधन व निपटारा नही करने के कारण 910 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था जिस अरविन्द केजरीवाल ने हठधर्मिता के चलते अभी तक जमा नही किया है। उन्होंने कहा कि प्रदूषित यमुना के अलावा सीवर, प्रदूषण, कूड़ा प्रबंधन मामले में दिल्ली में आपातकाल जैसी स्थिति बन चुकी है। दिल्ली जहरीली हवा में जीने और गंदा पानी पीने को मजबूर है, जिसके लिए खोखले और बेबुनियाद मुफ्त की गारंटी देने वाले अरविन्द केजरीवाल जिम्मेदार हैं।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में प्रत्येक वर्ष यमुना सफाई के लिए अलग से बजट आवंटित होता है परंतु हर वर्ष का बजट यमुना सफाई की जगह दस्तावेजों में पूरा हो जाता है। उन्होंने कहा कि केजीरवाल सरकार यमुना तक पहुँचने वाले नालों की सफाई समय पर करते तो आज यमुना की हालत यह नही होता। सरकार ने नालों को ट्रेप करने, सीवर लाईन से गाद निकालने, जेजे क्लस्टर में ड्रेनेज व उप-नालों के सफाई कार्य कभी समय सीमा निर्धारित करके मानकों के आधार पर नही किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों के स्वच्छ यमुना के सपनों और यमुना की पवित्रता को केजरीवाल सरकार ध्वस्त कर दिया है। यमुना की गंदगी और जल प्रदूषण के कारण लगा जुर्माना कट्टर मानसिकता वाले केजरीवाल के शासन का कंलक साबित होगा।