पंजाबी भाषा किस लिपि में लिखी जाती है, इस लिपि का इतिहास क्या है

लेखक अंजू काजल तलान

पंजाबी मुख्यतः दो लिपियों में लिखी जाती है, जिस के अतिरिक्त तीन अन्य लिपियों में भी लिखी जाती है.
अरबीफ़ारसी नस्तलीक़ — ये पंजाबी की पुरानी लिपि है जिस का प्रयोग आज भी पाकिस्तानी पंजाब में प्रचलित है, जहाँ पंजाबी लेख, वार्तापत्र, और पाठ्यपुस्तकें, सब अरबीफ़ारसी लिपि (नस्तलीक़) में लिखे जाते हैं. मध्ययुग में आरम्भिक पंजाबी साहित्य इसी लिपि में लिखा गया जाता था यतः उस समय उपमहाद्वीप पर फ़ारसी का बहुत प्रभाव था (कुछ वैसे ही जैसे आज आङ्ग्ला का है). पंजाबी में कुछ ध्वनियाँ ऐसी हैं जो फ़ारसी में नहीं पायी जातीं, जिन केलिए नए चिह्न बनाये गए थे. इस लिपि का आज तक कोई मानक रूप नहीं है और इसी लिए पंजाबी की भिन्न भिन्न बोलियों (माझी, सराइकी, पहाड़ी-पोठवारी आदि) में भी आप को एक ही शब्द भिन्न भिन्न प्रकार से लिखा मिल सकता है.
गुरुमुखी/गुरमुखी — ये वो लिपि है जिसे अधिकतम लोग पंजाबी के साथ जोड़ते हैं. ये लिपि भारतीय पंजाब में प्रचलित है और पंजाबी की मानक लिपि भी है. यद्यपि ये देवनागरी और अन्य नागरी लिपियों से प्रभावित है, इस का अविष्कार सन्तभाषा (उन सभी भाषाओँ और बोलियों केलिए एक नाम जिन में गुरु ग्रन्थ साहिब लिखी गयी) को एक लिपि में लिखने केलिए किया गया था.
देवनागरी — अनौपचारिक रूप से आप को देवनागरी में लिखी पंजाबी खोजने में कोई कठिनाई नहीं हो गी. यतः देवनागरी आज हिन्दी की प्रमुख लिपि है, पंजाब से लगे हिन्दीभाषी क्षेत्रों में अनौपचारिक रूप से इस लिपि का प्रयोग आप को पंजाबी केलिए भी मिलता है. देवनागरी का अविष्कार संस्कृत को लिखने केलिए हुआ था और आज ये दक्षिण एशिया की कई आधुनिक भाषाओँ की प्रमुख लिपि है वा औपचारिक लिपियों में से एक है.
लैटिन/रोमन लिपि — आङ्ग्ला की वैश्विक प्रधानता के चलते, विशेषतः आज के साङ्गणिक युग में, अनौपचारिक रूप से आप को (कई अन्य भाषाओँ जैसे ही) रोमन पंजाबी बड़ी सरलता से मिल जाये गी. इस लिपि का अविष्कार लैटिन को लिखने केलिए हुआ था और ये आज विश्व की कई भाषाओँ की प्रमुख लिपि वा औपचारिक लिपियों में से एक है. भाषाविज्ञान के क्षेत्र में आप को रोमनीकरण के एक से अधिक मानक रूप मिल जाएँ गे.
अन्तरराष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला (आइपीए) — भाषाविज्ञान (विशेषतः ध्वनिविज्ञान) में ही आप को इस लिपि का प्रयोग मिले गा. ये ध्वनियों को कोई भी प्रकार की अस्पष्टता विना लिखने केलिए बनायी गयी थी; इस में प्रत्येक भाषा की प्रत्येक ध्वनि, साथ ही बलाघात और लय केलिए चिह्न हैं

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