भारत की पहचान इसके वेद और उपनिषदों के साथ है – विद्युत चक्रवर्ती

नरेंद्र सिंह( वीर सूर्या टाइम्स )
वैश्विक संदर्भ में हिन्दू समाज के प्रति विभिन्न स्थापित संस्थानों द्वारा फैलाए जा रहे नफरत को समझने के लिए कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के विषय को स्पष्ट करते हुए वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका के जय बंसल ने बताया की पश्चिम में आज हिंदू समाज के संस्कृति पर व्यापक आक्रमण किया जा रहा है। जिसे समय रहते समझ कर उसे रोकने की जरूरत है। विश्व हिंदू परिषद दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष कपिल खन्ना ने हिंदू समाज को अपनी वैश्विक पहचान को अपने संस्कृति के साथ जोड़ने की बात कही। साथ हीं उन्होंने हिंदू संगठनों द्वारा हिन्दुओं को संगठित करने की भी बात की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विद्युत चक्रवर्ती ने भारत की पहचान इसके वेद और उपनिषदों के साथ है। जिसने वसुदैव कुटम्बक की परिभाषा भारत को दी है। उन्होंने समय के साथ हिंदू समाज को बदलाव को स्वीकार करते हुए भविष्य की तैयारी करने की जरूरत है। कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती हिंदू धर्म की विशेषता पर ध्यान आकृष्ट करते हुए इस विश्व समाज के लिए सबसे बड़ा देन है। कार्यक्रम के अगले सत्र में प्रो अजनिवेश अवस्थी ने मुस्लिम इतिहासकारों द्वारा हिन्दुओं के बारे में लिखे गए कई नए तथ्यों पर ध्यान दिलाया। जिसमें हिंदू समाज के प्रति कई नृकिष्ठ शब्दों का प्रयोग किया गया है। प्रो हिमांशु राय ने हिंदुओं के प्रति नफरत के जड़ के कारण पर प्रकाश डाला। हेगल और एशियाटिक सोसाइटी द्वारा भारत के इतिहास के विध्वंश की जो कहानी लिखी गई उसे बाद के सेकुलर इतिहासकारों ने समाज के सामने नए कलेवर में पेश कर दिया। कार्यक्रम का आयोजन वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका, उत्तमजन फैमिली ट्रस्ट और काशी फाऊंडेशन ने किया । दिन भर के इस अकादमिक कार्यक्रम में बौद्धिक जगत के छात्र, शोधार्थी और वरिष्ठ जन सहभागी थे। कार्यक्रम के समापन में राज कुमार भाटिया और महेश चंद्र शर्मा ने सकारात्मक भावना के साथ आगे बढने की बात कही।

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