नरेंद्र सिंह (वीर सूर्या टाइम्स )
नई दिल्ली, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन एंव पूर्व विधायक श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अभी तक 9 वर्षों के कुल बजट 5,35,329 करोड़ रुपये जनता के टैक्स का पैसा अर्जित किया परंतु अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के विकास के हर मोर्चें पर विफल साबित रहे हैं और फ्री फंड की सेवा के नाम पर दिल्ली की जनता को गुमराह कर रहे हैं। क्यों केजरीवाल यह सार्वजनिक नही करते कि दिल्ली सरकार पर कितना कर्जा है।
संवाददाता सम्मेलन में श्री अनिल भारद्वाज के साथ कम्युनिकेशन विभाग के वाईस चेयरमैन श्री अनुज आत्रेय और सोशल मीडिया के चेयरमैन हिदायतुल्लाह मौजूद थे।
श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को जिस तरह बखान करती है उसकी पोल दिल्ली वालों के सामने खुल चुकी है। पिछले 9 वर्षों में झूठे वायदे और टूटती उम्मीदों के अलावा के दिल्ली को कुछ नही मिला। शिक्षा व्यवस्था की बदहाली इस कदर बरपा रही है कि वर्ष 2022-23 में 9वीं और 11वीं कक्षा के लगभग डेढ़ लाख छात्र फेल हुए है और इस वर्ष 30 प्रतिशत छात्र फेल हो गए हैं। क्योंकि दिल्ली के 1027 स्कूलों में 60 प्रतिशत प्रींसिपल नही है, 50 प्रतिशत वाईस प्रींसिपल नही है और 30 प्रतिशत टीचरों के पद रिक्त है। टीचरों के अभाव में 25 प्रतिशत स्कूलों में साईंस और कॉमर्स की पढ़ाई नही होती, यह दिल्ली के बच्चों के लिए सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के पास शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कोई नीति नही है सिर्फ प्रचार के आधार पर ही शिक्षा मॉडल का बखान करते है।
श्री भारद्वाज ने कहा कि इस वर्ष 9वीं और 11वीं के परिणाम में दिल्ली सरकार के स्कूलों में 96 प्रतिशत बच्चे फेल होने के बाद शिक्षकों पर दबाव डालना कि वे खुद कॉपी लिखकर इन छात्रों को पास करें। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो दिल्ली कांग्रेस मांग करती है इसकी जांच होनी चाहिए, क्योंकि इससे छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
श्री भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने 2015 के चुनाव में 500 नए स्कूल, 20 कॉलेज और विश्वविद्यालय बनाने का वायदा किया था। परंतु 9 वर्षों में सिर्फ 19 स्कूल बनाऐं और 14 बंद कर दिए मतलब दिल्ली सिर्फ 5 स्कूल मिले और एक भी नया कॉलेज और विश्वविद्यालय नही बनाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के 13 कॉलेज में केजरीवाल सरकार के कारण वहां के कर्मचारियों के सामने वेतन संकट लगातार आ रहा है। उन्होंने कहा कि जिसका शिक्षा मंत्री शिक्षा की जगह शराब नीति को अहमियत दे उस प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की बदहाली के कारण छात्रों को भविष्य अंधकार में होना संभव है।
श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था का बखान करने वाली केजरीवाल सरकार ने 9 वर्षों में एक भी अस्पताल नही बनाया फिर कैसे स्वास्थ्य क्षेत्र में केजरीवाल सरकार ने सुधार किया। जबकि कांग्रेस की सरकार ने 15 वर्षों में 16 अस्पताल और 5 सुपर स्पेशलिटी अस्पताल दिल्ली को दिए। उन्होंने कहा कि यह कैसा बेहतर स्वास्थ्य मॉडल है जिसमें सरकार ने वर्तमान वर्ष में स्वास्थ्य के बजट में कटौती कर दी। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था में हर क्षेत्र में कमी और ऑक्सीजन की कमी के कारण कई दिल्ली वालों को कोविड से जान गंवानी पड़ी और केजरीवाल ने रिपोर्ट में झूठ कहा कि ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नही हुई। उन्होंने कहा कि एक बार फिर दिल्ली में कोविड के मरीज बढ़ते नजर आ रहे है और केजरीवाल सरकार पूरी तरह असंवेदनशील है। सरकार कोविड टेस्टिंग को बढ़ाकर जगह-जगह सेनिटाईजिंग का काम शुरु करें। स्वास्थ्य मंत्री कह रहे है कि पैनिक की जरुरत नही है। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली सरकार से मांग करते है कि हालात में सुधार करके सरकार और बताए कि आपातकाल से लड़ने के लिए अभी तक कितने अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए है।
श्री भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में जल संकट हमेशा बना रहता है और 9 वर्षों में वादों के मुताबिक केजरीवाल सरकार स्वच्छ पानी के साथ दिल्ली के प्रत्येक घरों में दूषित पानी के साथ बीमारी पहुचा रही हैं। दिल्ली जल बोर्ड आज भी अनेकों जे.जे. कॉलोनियों और अनाधिकृत कॉलोनियों में जल से नल देने में विफल है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड पर 71000 करोड़ का कर्जा है जबकि कांग्रेस शासन में दिल्ली जल बोर्ड मुनाफा कमाने वाली संस्था थी।
श्री भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पिछले 5 वर्षों में यमुना सफाई पर 6800 करोड़ खर्च करने का दावा किया है। यमुना में इतना प्रदूषण बढ़ रहा है कि यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने से झाग बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि दूषित पानी पीने के कारण पिछले 4 वर्षों में 30.72 लाख दिल्लीवासी जल जनित बीमारियों जैसे डायरिया से 27,72,350, टायफाईड से 2,80,693 और हैजा से 20,717 लोग गंभीर बीमारी से ग्रस्त हुए है। दूषित पानी के कारण दिल्ली में लीवर, किडनी और गेस्ट्रो जैसी खतरनाक बीमारियों के मरीजों की संख्या में कुल 580 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है।
श्री अनिल भारद्वाज ने अरविन्द केजरीवाल की सरकार के 9 वर्षों के प्रचार काल में दिल्ली में बढ़ती बेरोजगारी, कमरतोड़ महंगाई, विज्ञापन में नम्बर-1, प्रदूषण में नम्बर-1, नशे की राजधानी में नम्बर-1 बन गई है। जबकि इन्होंने अभी तक कोई एक भी अस्पताल, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, नए कॉलेज, गरीबों के मकान, फायर स्टेशन, सड़क सफाई मशीन दिल्ली को दी है।