मनीष सूर्यवंशी (वीर सूर्या टाइम्स )
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली देश इस समय अघोषित आपातकाल के दौर से गुजर रहा है। करीब 300 किलोमीटर दूर किसान आंदोलित हैं, उसको कारण बताकर जनतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। ईवीएम हटाओ मोर्चा गैर सरकारी संगठनों, इंडिया गठबंधन, सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों और देश के नागरिकों के मंच की ओर से 22 फरवरी को जंतर मंतर, नई दिल्ली पर विशाल सभा का आयोजन किया गया था, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसकी अनुमति रद्द कर दी । दिल्ली पुलिस की ओर से 12 मार्च तक जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। कल सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव के मामले में हुई गड़बड़ी पर ऐतिहासिक फैसला दिया। अगर वहाँ के मेयर का बैलेट पेपर से चुनाव न हुआ होता तो यह धांधली पकड़ी ही नहीं जा सकती थी। आम लोगों में विश्वाश हो गया है कि भाजपा धांधली से चुनाव जीत रही है और ऐसी स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से धांधली करना बहुत ही आसान है, जिसको पकड़ना बहुत ही असंभव है। 12 मार्च तक इसलिए जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन पर रोक लगी है ताकि भाजपा सरकार द्वारा ईवीएम के दुरुपयोग का भंडाफोड़ और भ्रस्टाचार, महंगाई व बेरोजगारी के खिलाफ आवाज न उठे और किसान आंदोलन न हो सके। संभव है कि 12 मार्च तक चुनाव आचार संहिता की घोषणा हो जाए और तब तक दिल्ली की राजधानी में आंदोलन न हो। भाजपा सरकार यह भी बहाना बना रही है कि अन्य धरना-प्रदर्शन पर भी तो रोक लगी है लेकिन मुख्य कारण ईवीएम विरोधी आंदोलन को रोकना है।
22 फरवरी को ईवीएम के विरुद्ध जो प्रदर्शन जंतर मंतर पर था उसकी मुख्य मांग ‘मेरा वोट मेरे हाथ – मेरी पर्ची मेरे हाथ’ है। जनतंत्र की लड़ाई हम आखिरी सांस तक लड़ेगें और इसलिए कल जंतर-मंतर पर प्रदर्शन जरूर किया जाएगा और हमें सरकार जेल भेजेगी तो उस पर भी हम तैयार हैं, हमारा फैसला अडिग है।
प्रेस वार्ता को श्री दीपक बाबरिया, महासचिव – कांग्रेस, श्री अरविंदर सिंह लवली – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष, डॉ. उदित राज, पूर्व सांसद और संयोजक-ईवीएम हटाओ मोर्चा, बामसेफ के श्री वामन मेश्राम, श्री राजेन्द्र पाल गौतम, पूर्व मंत्री दिल्ली सरकार और वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद प्राचा ने संबोधित किया।
RNI No. : DELHIN/2012/46367